विदेशी फिल्म निर्माताओं की कठपुतली बन गया बॉलीवुड, Foreign production houses brilliantly exposed
ट्विटर यूजर विजय पटेल ने तथ्यों के आधार पर बताया कि 2007 में दो अमेरिकी अफसर फराह पंडित और जेरेड कोहेन यूके में कुछ लोगों से मिले। वे बॉलीवुड को अपने एजेंडे के अनुसार इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि मुसलमानों की एक सकारात्मक छवि पेश की जा सके और अचानक 2008 के बाद ‘कुर्बान’, ‘माई नेम इज़ खान’, जैसी कई फिल्में आने लगी।
ट्विटर यूजर विजय पटेल ने तथ्यों के आधार पर बताया कि 2007 में दो अमेरिकी अफसर फराह पंडित और जेरेड कोहेन यूके में कुछ लोगों से मिले। वे बॉलीवुड को अपने एजेंडे के अनुसार इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि मुसलमानों की एक सकारात्मक छवि पेश की जा सके और अचानक 2008 के बाद ‘कुर्बान’, ‘माई नेम इज़ खान’, जैसी कई फिल्में आने लगी।